हनुमान चालीसा की रचना महान कवि तुलसीदास ने की थी जो भगवान राम के परम भक्त भी थे। इसमें 40 काव्य छंद हैं, इसलिए इसका नाम 'चालीसा' है। यह व्यापक रूप से माना जाता है कि हनुमान चालीसा में किसी प्रकार की गुप्त दिव्यता जुड़ी हुई है। कोई भी उम्र की परवाह किए बिना ईश्वरीय 40 छंदों का पाठ कर सकता है और कुछ पाठों के बाद यह स्वतः ही स्मृति में दर्ज हो जाता है। हनुमान चालीसा को सुबह अवश्य पढ़ना चाहिए।
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